राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड (एनएससी) संगठित बीज क्षेत्र की पहली कंपनी है जिसे मार्च, 1963 में मूल बीज का उत्पादन, भंडारण एवं विभिन्न बीजों की आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किया गया। पिछले 55 वर्षों के दौरान इसने एक लंबी दूरी तय की है और आज एनएससी सरकारी क्षेत्र की 17 अन्य बीज उत्पादक कंपनियों के साथ देश में कुल प्रमाणित गुणवत्ता वाले बीजों का लगभग 48% बीज पैदा किया जा रहा है, शेष 52% बीज विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं निजी बीज उत्पादन कंपनियों द्वारा उत्पादित किया जाता है। वर्ष 2014 के दौरान, भारतीय राज्य फार्म निगम (एसएफसीआई) का एनएससी में विलय हो गया था। वर्तमान में एनएससी, विभिन्न कृषि जलवायु परिस्थितियों के आधार पर अपने फार्मों के साथ-साथ अपने किसान बीज उत्पादकों के माध्यम से पूरे वर्ष जैसे कि रबी, खरीफ एवं गर्मियों में विभिन्न फसलों/किस्मों की गुणवत्ता बीजों का उत्पादन कर रहा है। एनएससी सतत विकास हेतु निरंतर विभिन्न बुनियादी सुविधाओं पर विशेषतय: फार्मों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि निगम का कारोबार पूरी तरह विभिन्न कृषि जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर रहता है। पिछले 7-8 के दौरान एनएससी का विकास काफी प्रभावी रहा है। विस्तृत वित्तीय स्थिति बेवसाइट में अलग शीर्ष “वित्तीय निष्पादन” के अंतर्गत उपलब्ध है। वर्ष 2017-18 के दौरान कुल राजस्व एवं शुद्ध लाभ क्रमश रू. 841.55 करोड़ एवं 24.98 करोड़ रहा।
देश में बीज परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और पिछले एक दशक के दौरान प्रमुख खेती फसलों की बीज प्रतिस्थाृपन्नत दर (SRR) में उल्लेकखनीय वृद्धि हुई और देश में प्रमाणित गुणवत्ता बीज का प्रचूर मात्रा में उपलब्धनता से गुणवत्ताछ बीज के उत्पानदन में बहुराष्ट्री य कंपनियों के प्रवेश एवं फसलों के किस्मों के स्थारन पर उनके संकर बीजों की ओर किसानों के बढ़ते हुए रूझान के कारण प्रतिस्प र्धा में तेजी से वृद्धि हो रही है। अत: एनएससी सहित सभी बीज उत्पाादन कंपनियों को अपने उत्पा्दन में बेहतर किस्मों /संकर प्रजाति के बीजों को तो शामिल करना ही होगा साथ ही साथ कृषक समुदाय को प्रदान की जा रही सेवाओं में सुधार लाना होगा। वर्तमान में एनएससी एकमात्र कंपनी है जो प्रजनक, आधारीय एवं प्रमाणित बीजों का उत्पा दन कर रही है और इसे किसानों को बहुत ही उचित और सस्तीआ दर पर उपलब्धो करा रही है। विविधीकरण की ओर एनएससी ने मछली के बीज और चारा ब्लॉ क का उत्पारदन भी शुरू कर दिया है। भविष्यी में एनएससी की सफलता किफायती कीमतों पर गुणवत्ताक बीजों के भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में अपनी महत्वसपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए काफी हद तक इसको तकनीकी के साथ – साथ विपणन कर्मियों पर निर्भर रहना होगा, जिन्हेंक पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ बहुत मेहनत करनी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि एनएससी उच्चह गुणवत्तार वाले बीजों का उत्पासदन करता रहे और जो किसान ऐसे बीज खरीदते हैं उसे इसके उपयोग में अपने पैसे का पूरा मूल्य एवं अधिकतम संतुष्टि प्राप्त हो। इसे ध्यान में रखते हुए और साथ ही सेवानिवृत्तल की संख्याध में भी, एनएससी विशेष रूप से, उत्पा दन और विपणन में युवा पेशेवरों की भर्ती कर रहा है। दूरदराज के गांवों सहित देश के अधिकांश क्षेत्रों को शामिल करने के लिए, विपणन टीम को मजबूत किया जा रहा है। इस प्रकार एनएससी, देश में कृषि के विकास में महत्वपपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
डॉ मनिंदर कौर द्विवेदी (आई.ए.एस.)
अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक
1963 के बाद से भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के नियंत्रण के तहत, कार्य.